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28.07.2021 बाल साहित्य जीवन में बुनियादी समझ पैदा करता है -------- प्रो.संगीता श्रीवास्तव दुनिया को देखने की जो नजर बचपन में बनती है वह ताउम्र हमारे साथ रहती है. पहले यह नज़र हमें अपने बुजुर्गों की अनुभव पकी कहानियों के जरिये मिलती थी अब वह काम पुस्तकें कररही हैं. बच्चों की जीवन को जानना और समझना फिर उनके लिए कुछ रचनात्मक लिखना बहुत जिम्मेदारी का काम होता है. अनुवाद अपने आप में खुद एक जटिल प्रक्रिया है फिर बाल साहित्य का अनुवाद तो और भी तैयारी की मांग करता है. पुस्तकें हमारी दुनिया का विस्तार करती हैं.हम सबको पुस्तकों से दोस्ती करना चाहिए. यह बातें इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने कहीं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नार्थ हाल में केंद्रीय सांस्कृतिक समिति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुस्तक लोकार्पण एवं प्रमाणपत्र वितरण समारोह में बतौर अध्यक्ष अपने वक्तव्य में उन्होंने संयोजक प्रो.संतोष भदौरिया के इस प्रयास की सराहना की और साथ ही राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के साथ मिलकर की गयी बाल साहित्य के अनुवाद की कार्यशाला की सफलता पर ख़ुशी जाहिर की. शिक्षकों,अनुवादकों और कार्यशाला के संयोजकों को भविष्य में इस तरह के आयोजन की शुभकामनाएं भी दिया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो.पंकज कुमार ने पुस्तक संस्कृति को विस्तार देने में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की भूमिका की चर्चा की साथ ही साथ विश्वविद्यालय के साथ मिलकार भविष्य की कार्य योजनाओं के प्रस्ताव भी रखा. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अधिकारी और पुस्तक संस्कृति पत्रिका के संपादक पंकज चतुर्वेदी का संदेश डा.धीरेन्द्र सिंह ने पढ़ा. जिसमें उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग और सेंटर आफ़ मीडिया स्टडीज के सहयोग से हुयी अनुवाद की इस कार्यशाला की सफलता के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने अपने संदेश में कुलपति महोदया के प्रति भी आभार जताया की इस तरह के साहित्य के अनुवाद की पुस्तकें तैयार करने में और न्यास के इस कार्य को उन्होंने प्रोत्साहित किया.हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मीना कुमारी ने लेखिका मोपिया बासु का संदेश पढ़ा और अनुवाद की कार्यशाला के अपने अनुभव साझा किये. केंदीय सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो.संतोष भदौरिया ने पूरी कार्यशाला की रूपरेखा और पुस्तकों के सफल अनुवाद की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से सामने रखा.उन्होंने अनुवादकों और इस कार्यशाला से जुड़े लोगों के प्रति भी आभार जताया जिनके चलते 30 पुस्तकें हिंदी भाषा की दुनिया का हिस्सा बन सकीं. आज के आयोजन में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की विविध प्रतियोगिताओं के लिए भीप्रमाण-पत्र वितरित किये गये.इस अवसर पर विश्वविद्यालय की पी.आर.ओ. पर. जया कपूर , डॉ. चितरंजन कुमार और संयुक्त कुलसचिव ए.के. कनौजिया, अध्यक्ष विज्ञान संकाय प्रो.शेखर श्रीवास्तव,प्रो.अजय जेटली, सेंटरआफ़ मीडिया स्टडीज के प्रो.धनञ्जय चोपड़ा,प्रो.ए.आर.सिद्दीकी हिंदी विभाग के प्रो.योगेन्द्र प्रताप सिंह,डॉ.दीना नाथ मौर्य,डॉ.जनार्दन,डॉ.अमृता,डॉ.विनम्र सेन सिंह,राजभाषा अनुभाग के अधिकारी हरिओम के साथ-साथ अनुवादक और प्रतिभागी भी भी उपस्थित रहे. धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर ए.आर. सिद्दीकी ने किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ.शेफाली नंदन ने किया.
28.07.2021 बाल साहित्य अनुदित पुस्तकों का विमोचन कार्यक्रम माननीय कुलपति महोदया की अध्‍यक्षता में दिनांक 27.07.2021 को बाल साहित्‍य की अनूदित पुस्‍तकों का विमोचन कार्यक्रम हुआ इन किताबों का प्रकाशन NBT ने किया है।
21.07.2021 दिनांक 19.07.2021 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक विजयनगरम हॉल में विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस सम्मान समारोह के विशिष्ट अतिथि अरविंद कुमार शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने की। शाम 6:00 बजे से आरंभ हुए इस कार्यक्रम का अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन करके उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में संगीत एवं प्रदर्शन कला विभाग द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति दी गई । कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि आज मेरे सामने एक अजीब मंजर है। एक ओर हम अपने पुरा छात्र श्री अरविंद शर्मा का स्वागत अभिनंदन करके प्रफुल्लित हैं ,वही विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों को अलविदा भी कह रहे हैं । उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षक अब विश्वविद्यालय के बड़े परिवार से अपने छोटे परिवार में जा रहे हैं। अब वे अपने निजी जीवन में अपने और परिवार के लिए ज्यादा वक्त निकाल पाएंगे । कुलपति ने सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों को भावी जीवन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि - कौन कहता है आपकी विदाई होगी यह अफवाह किसी गैर ने उड़ाई होगी हम हमेशा रहेंगे दिलों में आपके कुछ जगह तो हमने भी बनाई होगी विशिष्ट अतिथि अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि मैं दिल से हर शिक्षक का सम्मान करता हूं। अपने विश्वविद्यालय को दोबारा देखने की इच्छा मुझे आज यहां खींच लाई। मुझे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने छात्र जीवन के दिनों को भी याद किया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो रहे कई वरिष्ठ शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कुलपति औऱ विशिष्ट अतिथि ने सेवानिवृत्त हो रहे प्रो प्रकाश सिन्हा, प्रो मनमोहन कृष्णा, प्रो पुष्पा तिवारी, प्रो डी के चौहान, प्रो योगेश्वर तिवारी, प्रो राकेश सिंह, प्रो सुचित्रा मित्रा ,प्रो राकेश खन्ना, प्रो वीरेंद्र पाल सिंह, प्रो अंसारी, प्रो उषा मिश्रा आदि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन दिया ।
28.06.2021 संस्कार जीवन का आधार हैं - प्रो संगीता श्रीवास्तव संस्कृत विभाग तथा पं0 गंगानाथ झा पीठ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 'प्राचीन वैदिक संस्कार-विधान एवं आधुनिक संदर्भ' विषय पर एकदिवसीय आनलाइन राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन किया गया । इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 संगीता श्रीवास्तव ने संस्कारों की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटाकर उनके स्थान पर सद्गुणों की प्रतिष्ठा ही हिन्दू संस्कारों का मूल उद्देश्य है। वैदिक ऋषियों ने वैयक्तिक एवं सामाजिक उत्कर्ष के लिए संस्कारों की व्यवस्था की थी। आधुनिक सभ्यता और पश्चिमी प्रभाव के कारण आज संस्कार-विधान की गति मन्द हो गयी है लेकिन उनकी उपादेयता को नकारा नहीं जा सकता । प्राचीन ऋषियों ने इनकी व्यवस्था वैयक्तिक एवं सामाजिक उत्कर्ष की दृष्टि से ही की थी । वस्तुतः संस्कारों से व्यक्ति का आचरण, चरित्र, कर्तव्य और सामाजिक कर्म प्रभावित होता है। अतः उनकी उपादेयता सार्वकालिक एवं सार्वजनिन है। आधुनिक परिप्रेक्ष्य में भी वैदिक संस्कार पूर्णतः प्रासंगिक हैं। कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव ने गर्भाधान, पुंसवन, वेदारंभ , विवाह और अंत्येष्टि समेत सोलह प्रमुख संस्कारों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन व्यवस्था औऱ मैकाले की शिक्षा नीति के कारण संस्कृत लुप्त होती गई। संस्कृत अत्यंत ही प्राचीन और समृद्ध भाषा है। कार्यक्रम के आरम्भ में 'मूकं करोति वाचालं, पङ्गुं लङ्घयते गिरिं अर्थात जिनकी कृपा से गूंगे बोलने लगते हैं, लंगड़े पहाड़ों को पार कर लेते हैं इस मंत्र से वंदना की गई। कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता प्रो0 महावीर अग्रवाल, प्रतिकुलपति, पतजंलि विश्वविद्यालय ने कहा कि संस्कारों के बिना समाज का मार्गदर्शन नहीं हो सकता। विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो0 रामनाथ झा ने कहा कि संस्कारों से अनुवांशिकी का परिवर्तन किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने संस्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या भी प्रस्तुत की। प्रो0 गिरिजा शंकर शास्त्री, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और डॉ अनिल प्रताप गिरी, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 मृदुला त्रिपाठी, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने की। अतिथियों का स्वागत संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो0 उमाकांत यादव, धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 रामसेवक दुबे तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ मीनाक्षी जोशी व डाॅ शारदा पाठक ने किया। वैदिक मंगलाचरण डॉ प्रतिभा आर्या ने किया। ऑनलाइन सम्पन हुए इस कार्यक्रम में लगभग ढाई सौ व्यक्तियों ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाई। कार्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, संघटक कॉलेजों के शिक्षक तथा सैकड़ों शोध छात्र उपस्थित रहें।
21.06.2021 International Yoga Day 2021 The International yoga day was observed in the University of Allahabad today with an online training and demonstration session. The vice-chancellor Professor Sangita Srivastava chaired the session. In her message she stressed on adopting yoga to stay happy and healthy in life. She also extended wishes for health, happiness and well being of of all. The program was conducted by yogacharya Mr Akhilesh Tiwari ji from Swarajya Vidyapeeth. He demonstrated and trained in different mudras and prakriya for daily practice of Yoha. The registrar Professor Narendra Shukla extended the vote of thanks. The program was conducted by the Programme Officer of NSS for Allahabad University Dr Rajesh Kumar Garg on this occasion the Finance officer, Controller of exam, the Deans, head of the departments, Proctor, DSW, members of the sports and cultural committee of the university, the Public Relations Officer along with other teachers students and employees participated in the event. The program was conducted according to the Yoga procedure as released by the Ayush ministry Government of India . The program began and closed with the prayer for welfare and wellbeing of all the participants. The participants also pledged to practice yoga everyday.
01.06.2021 "इविवि में सौंदर्यीकरण और वृक्षारोपण अभियान आरंभ" इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में पूरे जून तथा जुलाई माह में कैम्पस सौंदर्यीकरण और वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के प्रथम चरण का आरम्भ आज कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव ने विज्ञान संकाय में किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव द्वारा वृक्षारोपण किया गया। ज्ञात हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विज्ञान, कला , वाणिज्य और विधि समेत कुल चार संकाय हैं। यह चारों संकाय अलग अलग परिसरों में स्थित हैं। कुलपति ने आज विज्ञान संकाय में वृक्षारोपण करके परिसर में सौंदर्यीकरण कार्यक्रम का आरम्भ किया। इस अभियान के तहत विश्वविद्यालय परिसर में न सिर्फ नए वृक्ष और मौसमी फूल लगाए जाएंगे बल्कि झाड़ झंखाड़ और गंदगी को साफ करके पूरे परिसर को सुंदर भी किया जाएगा कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव प्रो नरेंद्र शुक्ल, विज्ञान संकाय के डीन प्रो शेखर श्रीवास्तव, गार्डेन इंचार्ज प्रो एन बी सिंह तथा कई सफ़ाई कर्मचारी उपस्थित रहें।
24.03.2021 On 24.03.2021, Hon'ble Vice Chancellor Prof. Sangita Srivastava attended the All India Round Table Conference of Women Vice-Chancellors organized by Dr. Babasaheb Ambedkar Open University, Ahemdabad, Gujarat on the topic "Women leadership and challenges". At this conference women vice chancellors from all over the country came together. Dr Pankaj Mittal, Secretary General of Association of Indian Universities was the guest of honour. Dr. Pankaj Mittal is the second woman Secretary General for AIU. The conference was centred around the vision plan to support the girl child in rural areas so that they could develop in full potential.The lack of opportunities for the girl child means that her ability to develop to her full potential is always compromised. The ability of women to be able to listen, empathize and collaborate along with the ability to reach out in compassion create an atmosphere and environment that is completely different from a male dominated environment which is dominated by qualities of command, control, supervision, managerial structures and structures of power where achievement is the watchword for the individual instead of collaboration to achieve the potential as a group. It was felt that women can deliver more because of these inherent qualities to be able to work as a team if given a chance to tap their potential and work with the freedom to be able to create conducive environment.
23.03.2021 'क्रांति की उर्वर जमीन विचार ही तय करते हैं' -प्रो. हेरंब चतुर्वेदी केंद्रीय सांस्कृतिक समिति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ओर से "आजादी का संघर्ष और शहादत के मायने" विषय पर विशेष व्याख्यान मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। व्याख्यान की अध्यक्षता प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी जी ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो.ललित जोशी रहे जबकि व्याख्यान की प्रस्तावना प्रो. संजय श्रीवास्तव ने रखी। कार्यक्रम के संयोजक केंद्रीय सांस्कृतिक समिति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर संतोष भदौरिया रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनम्रसेन सिंह ने किया।अतिथियों का स्वागत पल प्रो शबनम हमीद और डॉ. चितरंजन कुमार ने किया। व्याख्यान का स्वागत वक्तव्य इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रो.ए. आर. सिद्दीकी जी ने किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ज्योति मिश्रा ने किया|
22.03.2021 स्त्री के संघर्ष और मुक्ति के रास्तों को अभिव्यक्त करती पोस्टर प्रदर्शनी का चौथा पड़ाव आज विधि संकाय में| विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं संघटक महाविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित पोस्टरों की प्रदर्शनी अपने चौथे और अंतिम पड़ाव में कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय के बाद आज विधि संकाय में प्रदर्शित की गई। पितृसत्ता के अनेक रूपों को रूपायित करती यह प्रदर्शनी स्त्री के संघर्षों को भी बख़ूबी अभिव्यक्त करती है साथ ही स्त्रियों की उपलब्धियों को सामने लाती है। प्रदर्शनी का उद्धघाटन चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार ने किया ।इस अवसर पर विधि विभाग के डीन और अध्यक्ष प्रो. जयशंकर सिंह, केंद्रीय सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. संतोष भदौरिया, प्रो. आर के चौबे ,डॉ. शेफाली नंदन, डॉ. चितरंजन कुमार,डॉ. विनम्रसेन सिंह,डॉ. मृत्युंजय राव परमार,सुश्री अनुश्री पांडेय,डॉ. विजयलक्ष्मी सिंह,श्री राजेश सिंह, सहित विभाग के शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थिति रहे। यह प्रदर्शनी 23 मार्च तक शोध छात्रों/ छात्राओं के अवलोकनार्थ उपलब्ध रहेगी। ।
17.03.2021 आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग में सांस्कृतिक समिति द्वारा एक पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। छोटी सी जगह में भी जिस कुशलता से विभाग का निर्माण किया गया है वह काबिले तारीफ है। सांस्कृतिक समिति की तरफ से हम कार्यक्रम में आये समस्त शिक्षकों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं ।
16.03.2021 दिनांक 16 मार्च 2021 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तिलक भवन में समस्त गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ एस पी ध्यानी ने संबोधित किया। डॉ ध्यानी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी विश्वविद्यालय के लिए शैक्षणिक कर्मचारी जितने आवश्यक हैं उतने ही आवश्यक गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी हैं। उन्होंने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तार से बताया कि किसी फ़ाइल पर नोटिंग कैसे करें, आर टी आई का जवाब कैसे दें, नियुक्ति हेतु रोस्टर का निर्धारण कैसे करें, मीटिंग का एजेंडा कैसे तैयार करें, विश्वविद्यालय के गोपनीय दस्तावेजों का निस्तारण कैसे करें। डॉ ध्यानी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों हेतु भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों पर भी विस्तार से चर्चा की।
12.03.2021 सांस्कृतिक समिति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आज वाणिज्य संकाय में महिला मुद्दों और अधिकारों से जुड़े विषय पर एक पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। 8 मार्च 2021 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव ने जिस समारोह का उद्धघाटन किया था, आज उसका समापन दिवस था। साथ ही आज ऑनलाइन समापन कार्यक्रम में JNU की प्रो गरिमा श्रीवास्तव ने महिला मुद्दों पर समापन वक्तव्य दिया। वाणिज्य संकाय में आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर असीम मुखर्जी द्वारा किया गया। पोस्टर प्रदर्शनी के पश्चात उत्तर प्रदेश शासन और कुलसचिव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निर्देश पर "आजादी के 75 वर्ष" पर अमृत महोत्सव का भी आयोजन किया गया। वाणिज्य संकाय के राज शेखर सभागार में आयोजित अमृत महोत्सव समारोह में प्रोफेसर आशीष सक्सेना ने बीज वक्तव्य दिया। प्रो ए के मालवीय ने स्वागत व्यक्त्व दिया। डॉ चित्तरंजन कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा डॉ शेफाली नंदन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान वाणिज्य संकाय और सांस्कृतिक समिति के सदस्य मौजदू रहें।
10.03.2021 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में आज का कार्यक्रम राजनीति शास्त्र विभाग में सम्पन्न हुआ । महिला अध्ययन केंद्र और सी कैश का विशेष आभार । सांस्कृतिक समिति की तरफ से आज कार्यक्रम में आये समस्त शिक्षकों और श्रोताओं को आभार|
24.02.2021 On 24.02.2021, Hon’ble Vice chancellor Prof Sangita Srivastava released UGC-SAP Annual News Letter 2021 and current issue of Departmental Journal “Researches and Studies” of Department of Education, University of Allahabad. Prof. Heramb Chaturvedi, Dean, Faculty of Arts, Prof Dhananjai Yadav, Head, Department of Education and all faculty members were present on this occasion.
24.02.2021 माननीया कुलपति महोदया प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव जी ने नई दिल्ली में हुई गणतंत्र दिवस परेड शिविर 2021 में शामिल हुए राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक कु अदिति (जगत तारण महिला महाविद्यालय) व राजगुरु सिंह (ईश्वर शरण महाविद्यालय) से भेंट की तथा उनकी सफलता पर उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कार्यक्रम समन्वयक डॉ मंजू सिंह भी मौजूद रहीं।
24.02.2021 Prof. Sangita Srivastava, Hon'ble Vice Chancellor, UoA and Dr. Neetu Mishra, HoD, Department of Home Science with a kit of sanitary napkins. 200 kits will be distributed among the Tribal women of Rewa district, under the DST NASI project on "Health, Hygiene & Sanitation".